गडकरी का दावा- बस एक लक्ष्य पूरा हो जाए तो 15 रुपये लीटर बिकेगा पेट्रोल, किसानों को मिलेंगे 16 लाख करोड़
अभी 100 रुपये लीटर के आसपास बिकने वाला पेट्रोल (Petrol) 15 रुपये लीटर मिल सकता है. अगर सरकार का एक लक्ष्य पूरा हो जाए तो यह सपना भी सच हो सकता है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने यह दावा करते हुए कहा कि अगर 60 फीसदी एथनॉल और 40 फीसदी इलेक्ट्रिसिटी का लक्ष्य पूरा हो जाए तो पेट्रोल की कीमत गिरकर 15 रुपये लीटर पहुंच जाएगी.
राजस्थान के प्रतापगढ़ में एक जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 60 फीसदी एथनॉल और 40 फीसदी इलेक्ट्रिसिटी का लक्ष्य पूरा हो जाए तो पेट्रोल की कीमत 15 रुपये लीटर हो जाएगी. इसका सीधा फायदा लोगों को मिलेगा. साथ ही प्रदूषण और इम्पोर्ट भी काफी कम हो जाएगा. अभी आयात पर हम करीब 16 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. यह पैसा बचेगा और किसानों के घर में जाएगा.
गडकरी ने कहा कि अभी देश के किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, लेकिन हमारी सरकार उन्हें ऊर्जादाता बनाने की योजना पर काम कर रही है. किसानों के उगाए गन्ने व अन्य फसलों से एथनॉल बनाया जा रहा है. अब तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिलाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है. इसे हम धीरे-धीरे बढ़ाते जाएंगे जिसका फायदा किसानों को ही मिलेगा. उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे और उसकी डिमांड भी बढ़ेगी.
इस दौरान गडकरी ने राजस्थान के प्रतापगढ़ मे 5600 करोड़ रुपये के 11 हाईवे प्रोजेक्ट को शुरू करने का ऐलान किया. इसमें से 219 किलोमीटर के 4 नेशनल हाईवे बनाने में 3,775 करोड़ का खर्चा आएगा. फतेहनगर के पास नेशनल हाईवे 162A पर 4 लेन का एक रेलवे ओवरब्रिज भी बनाया जा रहा है. इससे रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. इसके अलावा चंबल नदी पर हाई-लेवल ब्रिज का भी उद्घाटन किया गया है. इससे राजस्थान के करौली से मध्यप्रदेश के सबलगढ़ तक कनेक्टिविटी बन जाएगी. अभी तक इस रास्ते को नदी मार्ग से पार किया गया जाता था.
यह एक तरह का एल्कोहल होता है, जो गन्ने जैसे शुगर वाली फसलों से प्राप्त किया जाता है. एथनॉल का इस्तेमाल पेट्रोल में मिलाकर उसे ईंधन की तरह किया जा सकता है. दुनिया के कई देश आज एथनॉल को ईंधन की तरह उपयोग कर रहे हैं. इससे जैव ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता धीरे-धीरे कम हो जाएगी. इसमें कार्बन कम होने की वजह से पर्यावरण के लिए भी काफी सुरक्षित होगा. ब्राजील जैसे देश में तो गाडि़यां 100 फीसदी एथनॉल पर चलाई जाती हैं.