ATS ने सीमा हैदर से की लंबी पूछताछ, फिलहाल जासूसी का शक नहीं, मगर क्लीन चिट भी नहीं
अपने प्रेमी से मिलने के लिए अवैध रूप से पाकिस्तान से सीमा पार करने वाली सीमा गुलाम हैदर (Seema Haider) से उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (Anti-Terrorist Squad-ATS) ने सचिन मीणा और उनके पिता नेत्रपाल सिंह के साथ लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की. इससे एक दिन पहले यूपी एटीएस ने लखनऊ में पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक संदिग्ध एजेंट को पड़ोसी देश में अपने आकाओं को ‘रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी’ मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीमा हैदर से मुख्य रूप से उसके भारतीय प्रेमी के साथ रिश्ते के बारे में पूछताछ की गई.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीमा हैदर से एटीएस ने यह भी जानने की कोशिश की कि वह आखिरकार बिना पासपोर्ट के नोएडा पहुंचने में कैसे कामयाब रही. एटीएस ने अपनी जांच में उसके पाकिस्तान के लोगों से संबंध जोड़ने की कोशिश की. उसके चाचा पाकिस्तानी सेना में हैं, इसलिए जासूसी के संदेह में भी पूछताछ करने की कोशिश की गई. यूपी पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सीमा को लेकर ऐसी किसी भूमिका का संदेह नहीं था, मगर इसके बारे में कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी. सूत्रों ने कहा कि यूपी पुलिस उसके फोन रिकॉर्ड की जांच करके कहानी के सभी बिंदुओं को जोड़ेगी.
अगर केंद्र सरकार की एजेंसियां कोई संयुक्त जांच करना चाहती हैं, तो रिपोर्ट केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी शेयर की जाएगी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सीमा हैदर को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है और वह रडार पर होंगी. इससे पहले गौतमबुद्ध नगर के जेवर की एक स्थानीय अदालत ने सीमा हैदर को सशर्त जमानत दी थी. अदालत ने कहा था कि अगर उसे अपना स्थान बदलना है या कहीं और रहना है तो वह पुलिस और अदालत दोनों को इसकी जानकारी दे. इस बीच एक गुमनाम समूह ने धमकी जारी की है कि अगर सीमा हैदर और उनके चार बच्चों को ’72 घंटों के भीतर’ देश से बाहर नहीं निकाला गया, तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे.
सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक कथित वीडियो में खुद को समूह का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने वाले एक शख्स ने दावा किया कि ‘सीमा एक जासूस है’ और देश के खिलाफ ‘किसी साजिश का हिस्सा’ है. सीमा हैदर और सचिन मीणा की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त साद मियां खान ने पीटीआई को बताया कि इस जोड़े को अलग से कोई सुरक्षा नहीं दी गई है. खान ने कहा कि ‘8 जुलाई को दंपति के जेल से बाहर आने के बाद भीड़ से निपटने के लिए उस गांव में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी.’