मेरठ के इस मंदिर में कुत्ता-बिल्ली बन गए दोस्त, दूर दूर से इन्हें देखने आ रहे हैं लोग
मेरठ: आपने अकसर ऐसे कई धार्मिक स्थलों के बारे में सुना होगा, जहां हिंसक से हिंशक पुश भी एक सीधी गाय के समान व्यवहार करने लगते हैं. लेकिन हम आपको अब ऐसा दिखाएंगे भी. मेरठ के धार्मिक स्थान पर एक पालतू कुत्ता और जंगली बिल्ली दोस्त की तरह रहते हैं. यह नजारा जो भी देखता है वह पहले तो यकीन ही नहीं कर पाता कि कुत्ता-बिल्ली दोस्त कैसे हो गए.
मेरठ से 20 किलोमीटर दूर बढ़ला कैथवाड़ी में एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है, जहां कुत्ते बिल्ली की दोस्ती की चर्चा पूरे जिले में है. दरअसल, इस गांव में मां झंडेवाली देवी का मंदिर है. इसी परिसर में कुत्ते बिल्ली की अनोखी दोस्ती इन दिनों देखने को मिल रही है. मंदिर की महंत कर्दम मुनि महाराज ने बताया कि कुत्ता उनका पालतू है. उसका नाम उन्होंने चेतक है.
वहीं यह जंगली बिल्ली रोज मंदिर परिसर में आती है. लेकिन इन दोनों की दोस्ती को देखते हुए उन्होंने बिल्ली का नाम भी सूमो रख दिया है. इन दोनों को नाम लेकर पुकारो तो ये दौड़ते हुए उनके पास आ जाते हैं. इतना ही नहीं, वह कहती हैं कि अगर यह एक दूसरे को न देखें तो बेचैन हो जाते हैं. एक दूसरे को खोजने के लिए इधर-उधर दौड़ते हुए दिखाई देते हैं. जैसे ही एक-दूसरे से मिलते हैं तो इस तरीके से व्यवहार करते हैं कि मानों बिछड़ कर मिले हों.
मंदिर की महंत का तो यहां तक दावा है कि इस मंदिर परिसर में कोई भी व्यक्ति अगर द्वेष भावना के साथ प्रवेश करता है तो उसका व्यवहार भी दोस्त जैसा ही हो जाता है. बता दें कि झंडेवाली देवी मंदिर में इन दोनों की कुत्ते बिल्ली की दोस्ती देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. इस मंदिर का निर्माण महाभारत के अर्जुन के वंशजों द्वारा कराया गया था.