एटा पुलिस का गजब कारनामा! पत्रकार की बाइक को तो सीज किया लेकिन चालान काटना भूल गई
मारहरा (एटा)। बाइक चोरी की घटना को प्रकाशित करने से नाराज मारहरा थानाध्यक्ष ने कथित भाजपा नेताओं की तहरीर पर स्वतंत्र पत्रकार को अनावशक मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने पत्रकार का मोबाइल और बाइक को सीज कर दिया था। जेल से रिहा होने के बाद पत्रकार ने बाइक और मोबाइल रिलीज के लिए कोर्ट में याचिका दायर की तो मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने पत्रकार की बाइक को सरकारी दस्तावेजों में सीज किया हुआ दर्शाया है लेकिन बाइक का चालान नही किया। इस पर कोर्ट सख्त कार्रवाई कर सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक मारहरा पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार अमन पठान को 5 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया और बाइक, मोबाइल सीज कर जेल भेज दिया। 8 मई 2023 को जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद पत्रकार ने अपराध संख्या 59/23 में सीज किए गए मोबाइल और बाइक को रिलीज कराने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की। मोबाइल और बाइक रिलीज को लेकर कोर्ट को गुमराह करने वाली रिपोर्ट प्रेसित की। जब कोर्ट में मारहरा पुलिस से स्पष्ट रिपोर्ट मांगी तब इसका खुलासा हुआ कि पुलिस ने बाइक को सीज तो किया है लेकिन बाइक का चालान नही किया है। जिस कारण लगभग दो महीने बाद भी पत्रकार की बाइक रिलीज नही हो पाई है।
अमन पठान के अधिवक्ता अविनाश यादव ने बताया कि जब हमने बाइक और मोबाइल रिलीज के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की तो कोर्ट ने मारहरा पुलिस से इस संबंध में आख्या मांगी। पहली रिपोर्ट में पुलिस ने बाइक को मुकदमे में सीज बताया लेकिन मोबाइल का IMEI नंबर का उल्लेख नहीं किया तो कोर्ट ने दूसरी रिपोर्ट मांगी जिसमें पुलिस ने बाइक को मुकदमे में सीज बताया और मोबाइल के IMEI नंबर को अंकित कर दिया।
कोर्ट पुलिस की रिपोर्ट और मुकदमे को संज्ञान लिया तो कोर्ट ने पुलिस तलब किया और स्पष्टीकरण मांगा। फेसबुक पर पोस्ट तो आरोपी ने अपने मोबाइल से की होगी लेकिन इस मुकदमे में बाइक का क्या उपयोग हुआ है। जिस पर मारहरा पुलिस ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि आरोपी की बाइक को मुकदमे में नही बल्कि MV एक्ट की धारा 207 के तहत सीज किया गया है। दस्तावेज न होने के कारण बाइक को सीज करने की कार्रवाई की गई है और आरोपी की बाइक थाने में सुरक्षित खड़ी है।
जब कोर्ट ने बाइक का चालान मांगा तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए क्योंकि पुलिस ने बाइक का चालान किया ही नहीं है। कोर्ट ने यातायात पुलिस को बाइक का चालान कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। पहले तो पुलिस टालमटोल करती रही और काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करके बताया कि बाइक का चालान किया ही नहीं गया है।
अब सवाल यह है कि जब बाइक का मुकदमे से कोई संबंध नहीं था तो बाइक को सीज क्यों किया गया। अगर बाइक के दस्तावेज नहीं थे तो बाइक का चालान क्यों नहीं किया गया। जब बाइक का चालान नही किया और बाइक को मुकदमे में सीज नही किया गया तो पत्रकार की बाइक को पुलिस 5 अप्रैल 2023 से अपनी अभिरक्षा में क्यों रखे हुए है?