लापता नाबालिग बेटी को खोजने के बजाय पीड़ित पिता से यह सब करवाता रहा दारोगा?
कानपुर पनकी निवासी एक व्यक्ति ने दरोगा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि बेटी के लापता होने के बाद दरोगा अपने काम से कार बुक कराकर हाईकोर्ट गए थे. रास्ते में महंगे होटल पर खाना और पूरी खातिरदारी कराई, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिला. अब पूछताछ करने पर उल्टा जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.
बेटी को तलाशने का दबाव बनाया तो दरोगा ने फटकार लगाकर भगाया- पनकी थाना क्षेत्र के पतरसा मर्दनपुर निवासी संतोष गौतम ने बताया कि 1 जुलाई को उनकी 18 वर्षीय बेटी संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी. उन्होंने पनकी थाने में बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. बेटी की सहेली और उसके भाइयों पर लापता करने का आरोप लगाया है.
मामले की जांच कर रहे चौकी इंचार्ज अमित मलिक ने कहा कि बेटी को तलाश करने के लिए प्रयागराज तक चलना पड़ेगा. इसके बाद कार बुक करके हाईकोर्ट तक गए. इसके बाद वहां से लौट आए. रास्ते में खूब खर्च भी कराया, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिला.
दारोगा अपने काम से हाईकोर्ट गए थे. अब बेटी के बारे में पूछने पर फटकार लगाकर चौकी से भगा दिया. कहा कि जहां शिकायत करनी हो कर लेना, मेरा कुछ नहीं होगा. पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर दफ्तर में की है. स्टाफ अफसर अशोक कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच बैठा दी है. जांच के बाद आरोपी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पनकी थाने में तैनात दारोगा के खिलाफ यह कोई पहली शिकायत नहीं हुई है. इससे पहले भी दारोगा के खिलाफ कई जांच और शिकायतें हो चुकीं हैं. पीड़ित परिवार ने कहा कि बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए भले ही उन्हें डीजीपी दफ्तर तक जाना पड़े वह संघर्ष करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने जांच अधिकारी बदलवाने की भी मांग की है.