हद है! लड़की का रंग था ज्यादा गोरा, कंपनी ने नहीं दी नौकरी, जानें पूरा मामला
आपने सांवला रंग होने के कारण शादी न होने की खबरें खूब पढ़ी होंगी. लेकिन, क्या किसी का रंग गोरा होने पर कंपनी उसे नौकरी देने से इंकार भी कर सकती है? शायद आपका जवाब होगा ना. पर, बेंगलुरु की एक लड़की का दावा है कि एक कंपनी ने उसे केवल इसलिए नौकरी नहीं दी क्योंकि उसका रंग कुछ ज्यादा ही गोरा है. लिंक्डइन पर लड़की ने बाकायदा कंपनी की ओर से जारी ई-मेल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है. हालांकि, इस स्क्रीनशॉट में कंपनी के नाम को धुंधला किया हुआ है. लड़की की पोस्ट लिंक्डइन के साथ ही ट्विटर पर भी खूब वायरल हो रही है.
हालांकि, ज्यादातर सोशल मीडिया यूजर्स को लड़की की बात पर यकीन नहीं हो रहा है और वे इसे केवल पब्लिसिटी स्टंट ही मान रहे हैं. बहुत से लोगों ने लिखा है कि कोई भी कंपनी जॉब रिजेक्शन का कारण ऐसे किसी को मेल भेजकर नहीं बताती. हां, पर्सनली भले ही आपको नौकरी न देने का कारण बता दे. वहीं, कुछ यूजर्स का कहना है कि यहां कुछ भी हो सकता है और ज्यादा सुंदर होना भी किसी के लिए आफत बन सकता है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लिंक्डइन पर प्रतीक्षा जिचकर नाम की एक यूजर ने एक लंबी पोस्ट लिखी है. साथ ही उसने एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. पोस्ट में जिचकर ने लिखा है कि उसने एक कंपनी में नौकरी के लिए अप्लाई किया था. कंपनी ने उसका तीन राउंड में इंटरव्यू लिया. इसके अलावा उसे एक असाइनमेंट भी दिया गया, जिसे उसने पूरा कर दिया. लेकिन, फिर उसे ई-मेल कर जानकारी दी गई की उसे नौकरी नहीं दी जा रही है.
जिचकर ने ई-मेल का जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें लिखा है, “हमें जिस व्यक्ति की तलाश है, उसके लिए आपकी प्रोफाइल, स्किल और क्वालिफिकेशन बिल्कुल सही है. लेकिन, हम एक समावेशी संगठन हैं और सभी को समान अवसर देने में विश्वास रखते हैं. आपकी त्वचा हमारी वर्तमान टीम की त्वचा से थोड़ी ज्यादा गोरी है. हम अपनी टीम में कोई अलगाव नहीं चाहते, इसलिए हमने आपको नौकरी न देने का फैसला किया है.”
वैसे सोशल मीडिया यूजर्स को प्रतीक्षा की इस पोस्ट पर विश्वास नहीं हो रहा है. Reddit पर एक यूजर ने लिखा, “कोई भी एचआर ऐसी मेल नहीं लिखेगा. ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आधिकारिक ई-मेल में तो बिल्कुल भी नहीं किया जाता भले ही एचआर कितना भी नौसिखिया क्यों न हो.” वहीं, एक दूसरे यूजर ने लिखा कि यह पोस्ट फेक है. एचआर व्यक्तिगत रूप से, फोन और ई-मेल पर रिजेक्शन का कारण नहीं बताता. एक ट्विटर यूजर ने इस पोस्ट को पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए लिखा कि यह सच नहीं है.