अब पेट्रोल-डीजल पर भी लगेगा GST! ये खबर पढ़कर खुश हो जाएंगे आप
देश में टैक्स का सिंगल सिस्टम लागू करने के लिए ही साल 2017 में सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया था. अब सभी उत्पादों पर पूरे देश में एकसमान कर लगता है. सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही ऐसा उत्पाद है जो अभी तक इसके दायरे में नहीं आया है और इस पर राज्य व केंद्र अपने-अपने हिसाब से टैक्स वसूलते हैं. यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इतना ज्यादा उछाल भी आया है. लंबे समय से पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी में लाने की बात चल रही है. इस पर जब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन विवेक जौहरी से पूछा तो उन्होंने इसका सीधा जवाब दिया.
सीबीआईसी चेयरमैन ने कहा, भारत भी पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों को जीएसटी में ला सकता है. इस बारे में दुनिया के अन्य देशों में चल रहे मॉडल को अपनाया जा सकता है. बशर्ते इसके लिए अलग फॉर्मूले पर विचार करना होगा. लंबे समय से पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाने पर मंथन चल रहा है. यह काम संभव भी है और इस पर कई बार बातचीत भी की गई है. लेकिन, हमें इस काम को पूरा करने के लिए व्यापक नजरिये से सोचना और अमल करना होगा.
मनीकंट्रोल से बातचीत में विवेक जौहरी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगाने के बावजूद इस पर टैक्स को दो भागों में बांटना होगा. इसके तहत राज्यों को इस बात की मंजूरी देनी होगी कि वे अपने राजस्व के लिए टैक्स लगा सकें. उन्होंने कहा कि अगर आप किसी से यह कहें कि पेट्रोल और डीजल पर 12 या 18 फीसदी का जीएसटी लगा दिया जाए तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी राज्य इसके लिए सहमत होंगे. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अभी इससे होने वाली कमाई काफी ज्यादा है.
जौहरी ने कहा कि फिलहाल यह मॉडल अभी किसी भी देश में नहीं है और इस पर अमल करने के लिए राज्यों से बातचीत के साथ उनकी शर्तों को सहमति भी देनी होगी. दुनिया के कई देशों में अभी नुकसान करने वाले प्रोडक्ट जैसे अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट आदि पर हायर रेट से जीएसटी वसूला जाता है. इसी रेट में फ्यूल पर भी टैक्स लगाया जाता है. भारत में जीएसटी का हायर रेट 28 फीसदी है. लेकिन, सिर्फ यही रेट लगाने से राज्यों की कमाई पर असर पड़ेगा.
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर मंथन काफी समय से चल रहा है, लेकिन राज्यों ने इस पर अपना कड़ा विरोध जताया है. उनका कहना है कि ईंधन को जीएसटी में लाने पर राजस्व वसूली पर बड़ा असर पड़ेगा. राज्य अभी ईंधन और अल्कोहल पर अपना खुद का टैक्स लगाते हैं. वैट और उत्पाद शुल्क सहित कई तरह के टैक्स पेट्रोल-डीजल पर लगाए जाने के बाद इसकी कीमत काफी बढ़ जाती है. हालांकि, जीएसटी लगाने का नया फॉर्मूला राज्यों को हो सकता है कि पसंद आ जाए.