बहुत देखे होंगे मोदी 'भक्त'...पर रामचंद्र जैसा नहीं होगा! PM मोदी के लिए व्रत और अब...
चरखी दादरी: उम्र के जिस पड़ाव पर इंसान के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है, उस उम्र में अगर कोई दुनिया की तस्वीर बदलने की ठान ले तो आप क्या कहेंगे. जी हां, चरखी दादरी के कारी मोद गांव के 71 साल के रामचंद्र स्वामी अपने आप को पीएम नरेंद्र मोदी का भक्त मानते हैं.
वह 9 सालों से देश के स्वच्छता अभियान में जुटे हैं. रामचंद्र स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर झाड़ू उठाई, ताकि वह देश के लिए कुछ कर सकें. तब से अपनी झाडू से नि:शुल्क सार्वजनिक स्थानों को चमकाने में जुटे हुए हैं और उन्होंने हरियाणा के अलावा गुजरात में कई स्थानों पर लगातार स्वच्छता मुहिम चलाई है.
पीएम मोदी को भगवान कृष्ण स्वरूप मानने वाले रामचंद्र स्वयं को गरीब सुदामा बताते हैं. पीएम मोदी से मिलने दो बार दिल्ली तक की पैदल यात्रा भी कर चुके हैं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है. नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी आस्था के चलते लोग उन्हें मोदी भक्त के नाम से जानते हैं.
गांव कारीमोद निवासी रामचंद्र स्वामी ट्रक ड्राइविंग का काम करते थे और अक्सर उनका गुजरात आना-जाना रहता था. वहां के कार्यों से प्रभावित होकर उनके मन में नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था जगी. वहीं जब 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया तो उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए तीन महीने नौ दिन का उपवास रखा.
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने पीएम बनने के बाद जब झाडू उठाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की तो रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी छोड़ झाडू उठा ली और स्चछता अभियान में जुट गए. रामचंद्र उसके बाद से एक ओमिनी कार रखते हैं और उसी में हमेशा झाड़ू साथ रखते और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर मुख्य बाजारों, चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं.
रामचंद्र बीते नौ सालों से बिना किसी लोभ-लालच के सेवा भावना से अपने काम में जुटे हुए हैं. बताया कि उन्होंने लिखित शपथ-पत्र दे रखा है कि अगर वह कहीं भी स्वच्छता का काम करते वक्त किसी हादसे का शिकार हो जाएं या उनकी मौत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कोई नहीं होगा. वह स्वयं जिम्मेवार होंगे और इसके बदले किसी प्रकार का अनुदान या कोई आर्थिक सहायता भी उनके परिजनों को न दी जाए. वह केवल और केवल सेवा भावना से कार्य करना चाहते हैं.
रामचंद्र सार्वजनिक स्थानों के अलावा गांवों में पहुंचकर पूरे गांव को अकेले दम पर स्वच्छ करते हैं. इसके लिए कई पंचायतें उन्हें प्रशस्ति-पत्र दे चुकी हैं. इसके अलावा वे सार्वजनिक स्थानों व मुख्य बाजारों में लगातार अभियान चलाते हैं. उन्होंने कई बार गुजरात में भी स्वच्छता अभियान चलाए हैं, जिसके प्रमाण-पत्र उनके पास हैं.
झाडू के साथ गाड़ी में नरेंद्र मोदी की फोटो साथ रखने वाले रामचंद्र की तमन्ना है कि वह एक बार नरेंद्र मोदी से मिलें. इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की और 170 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचे. लेकिन, उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. वहीं रामचंद्र का ये भी कहना है कि वह किसी की सिफारिश से पीएम मोदी से नहीं मिलेंगे, बल्कि अपने काम की बदौलत उनसे मिलेंगे. उन्होंने कहा कि वह उन्हें कृष्ण भगवान स्वरूप मानते हैं और उम्मीद है कि एक दिन यह सुदामा उन तक अवश्य पहुंचेगा.