छोटी मछलियों पर सितम, बड्डे बड्डे मगरमच्छों पर रहम, स्वतन्त्र पत्रकार बाबू अंसारी का ख़ास लेख ✍️✍️✍️। स्वास्थ विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी. झोला...
छोटी मछलियों पर सितम, बड्डे बड्डे मगरमच्छों पर रहम,
स्वतन्त्र पत्रकार बाबू अंसारी का ख़ास लेख ✍️✍️✍️।
स्वास्थ विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी.
झोलाछाप डॉक्टरों पर चला स्वास्थ विभाग का चाबुक..
स्योहारा में 3, धामपुर में 4, नगीना में 5, चाँदपुर में 6, और नजीबाबाद में 7, फर्जी किलिनिक किये सीज...
कुछ इसी तरह की हेडलाइन बना वन साइड ख़बरे अखबारों व अन्य माध्यमो से पाठकों तक पहुचाई जा रही है। जबकि हम पत्रकारों का कर्तव्य होता है कि घटना के सभी पहलुओं को आमजन व शासन प्रशासन तक पहुचाये हो ये रहा है कि जो सरकारी कर्मचारी व अधिकारी ने कहा दिया बता दिया उसी को सच व सही समझ जनता के सामने रखा जा रहा है। आज हम पत्रकारों ने घटना पर वर्जन देने वाले शासनिक व प्रशानिक व्यक्ति से सवाल करने या किसी भी घटना पर खुलकर बात करने से डरते हैं। हमारी इसी भययुक्त पत्रकारिता के कारण आमजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बारहाल आज के मुद्दे पर आते है:-
नगर के गली मोहल्लों में किलिनिक खोलकर हफ्ते के सातों दिन व रात दिन चौबीसों घन्टे जरूरत के वक्त काम आने वाले व अनेको बार मरीज़ो को समय रहते प्राथमिक उपचार कर उनकी जान बचाने वाले डॉक्टरों को हर कोई झोलाछाप डॉक्टर के नाम से बदनाम करने की कोई कसर बाकी नही छोड़ता खास कर क्षेत्र के वो डॉक्टर जो खुद को बड़ा व डिग्रीधारी कहलाते है, वो दिन रात चौबीस घन्टे आमजन को सेवा देने वाले डॉक्टरों के खिलाफ़ साज़िशों का जाल बुनते रहते है।
जिसमे कई बार वो कामयाब भी हो जाते है और मुसीबत के वक्त काम आने वाले डॉक्टरों के अस्पतालों पर स्वास्थ विभाग का चाबुक चलवा अस्पताल को सीज करा देते है।
उक्त लेख का मक़सद आमजन तक सही बात पहुचाना है ना कि किसी डॉक्टर की गलत गतिविधियों को सही ठहराना
माना कि नगर की गलियों में किलिनिक खोले बैठे डॉक्टर डिग्रीधारी नही है या छोटी मोटी डिग्री या फर्जी डिग्री लेकर बीमारों का उपचार कर रहे है जिसके चलते कभी कभार उनके द्वारा किये जा रहे उपचार से मरीज़ की बीमारी ठीक होने की बजाय और गम्भीर हो जाती है तो इसका मतलब ये तो नही की उसकी किलिनिक पर ताला जड़ उसकी जीविका के साधन की गाड़ी को ब्रेक लगा दिए जाएं।
उपचार के दौरान झोलाछाप ही क्या बड़े बड़े डिग्रीधारियों के अस्पतालों में मरीज़ो की जान पर बन आती है इतना ही नही अनेको बार तो मरीज़ो जान भी चली जाती है, लेकिन ऊंची पहुच के चलते उनके किलिनिक पर ताला जड़ने की कम ही नोबत आती है।
जबकि कड़वी सच्चाई तो ये है की गली मोहल्लों में छोटे किलिनिक चलाने वाले डॉक्टरों की तुलना में बड़े अस्पतालों में शाम होते ही द्वार बंद हो जाते है इस स्थिति में मुसीबत के समय झोलाछाप नामी डॉक्टर ही काम आते है। कोरोना काल तो याद ही होगा उस समय बड़े डॉक्टरों ने मरीज़ो की और से पूरी तरह से मुंह फेर लिए थे उस समय भी झोलाछाप डॉक्टरों ने ही अपनी जान की परवाह किये बिना मरीज़ो का समय रहते उपचार कर अनेको मरीज़ो को जीवनदान दिया था।
बड़े अस्पतालों में मरीज़ों व तीमारदारों से अभद्रता, महंगा इलाज़, उपचार के दौरान लापरवाही, नार्मल डिलीवरी ना कर सर्जन की डिग्री हासिल किए बिना ही गर्भवती महिलाओं की पेट चिराई, के अतिरिक्त अन्य प्रकार के छोटे बड़े ऑपरेशन बेखोफ़ होकर किये जा रहे है। बावजूद इस सबके छोटे डाक्टरों के किलिनिक सील करने में रुचि दिखाने वाला स्वास्थ विभाग मोटी कमाई करने वाले इन डॉक्टरों पर कार्यवाही करने में असमर्थ व असहाय नज़र आता है।
कुल मिलाकर डॉक्टर व उसका किलिनिक छोटा हो बड़ा सभी अपनी दुकानें चलाने के लिए ऊपर वालो तक उनका हिस्सा जरूर व समय पर पहुचाते है।
एक अहम बात और:-
स्वास्थ विभाग को खुद के स्वास्थकेन्द्रों में भी सरकारी डॉक्टरों द्वारा मरीज़ों के साथ कि जाने वाली अभद्रता व लापरवाही पर भी नज़र डालनी चाहिए दूर दराज़ सरकारी अस्पतालों की तो बात बाद कि है बिजनौर जिला अस्पताल में ही पहली मंजिल के कमरा नम्बर 48 में बैठने वाले डॉक्टर की कारगुजारी पर एक नज़र डालनी चाहिए जो कि बढ़ती आयु के साथ चिड़चिड़े भी हो गए है उनके द्वारा हर दिन अनगिनत मरीज़ो के साथ अभद्र व्यवहार व भेदभाव किया जाना आम बात है, उक्त डॉक्टर काले पीलिया की दवाई लेने जाने वाले मरीज़ो को तो कीड़े मकोड़े समझते है मरीजों के द्वारा हफ्ते 10 दिन पहले ही कराई गई HCV वायरल लोड की रिपोर्ट को मानने से इनकार करते हुए अपने मनमाफिक लेब वाले के यहां कराने को बोलते है। काले पीलिया के मरीज़ो को सरकार द्वारा मुफ्त दी जाने वाली दवाई अस्पताल में खत्म हो गई है ये तुम्हे बाहर से खरीदनी होगी कहकर मरीजों की परेशानी को और बढ़ा देते है।
नोट:-हमारा ये लेख जनहित में उठाया गया एक मुद्दा है इसे अन्यथा ना ले।
पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत शुक्रिया🙏💐🙏💐🙏